किरायेदार को किराया नियंत्रण कानून का पालन करके ही निकाला जा सकता है सुप्रीम कोर्ट || The Tenant Can Be Released only by Following the Rent Control Law
Diary Number | 16613-2016 | Judgment |
Case Number | C.A. No.-011086-011086 – 2018 | 16-04-2019 |
Petitioner Name | DR. R S GREWAL | |
Respondent Name | CHANDER PARKASH SONI | |
Petitioner’s Advocate | M. A. CHINNASAMY | |
Respondent’s Advocate | ||
Bench | HON’BLE DR. JUSTICE D.Y. CHANDRACHUD, HON’BLE MR. JUSTICE HEMANT GUPTA | |
Judgment By | HON’BLE DR. JUSTICE D.Y. CHANDRACHUD |
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में कहा कि किरायेदार को दी गयी प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में लेने के लिए किराया नियंत्रण कानून का पालन करके की वापस लिया जा सकता है. किरायेदार से प्रॉपर्टी खाली करने के लिए जो प्रतिबन्ध लगाये गए है वो किरायेदारों के हित के लिए लगाए गए है | इस केस में शिवे देव कौर ने अपनी एक प्रॉपर्टी चंद्र प्रकाश सोनी लो किराये पर दी थी. क्योंकि उसे ये अधिकार था की वो रियासत में मिली प्रॉपर्टी को किराये पर दे सके और किराया वसूल कर सके |
कौर की मौत के बाद उनके वारिस उस प्रॉपर्टी के मालिक बन गए | सभी वारिसों ने कोर्ट में केस दायर किया कि किरायेदार ने प्रॉपर्टी पर अनधिकृत तरीके से कब्ज़ा कर लिया है, उसे खाली कराया जाये | निचली अदालत ने फैसला किरायेदार के हित में सुनाया उसके बाद अपील हाई कोर्ट में की गयी और हाई कोर्ट ने अपील को ख़ारिज कर दिया |
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि किरायेदारी सोनी के पक्ष में बनायीं गयी थी इसलिए किरायेदार को निकालने के लिए उसी प्रोसीजर को पूरा करना होगा जो किरायेदारी कानून में बताई गयी है | धारा 13 के तहत वह प्रक्रिया बताई गई है,जिसका पालन करते हुए किराएदार को बाहर निकाला जा सकता है। इसलिए नियंत्रक मामले में पेश तथ्यों के आधार पर संतुष्ट हाने के बाद ही किराएदार को संपत्ति छोड़ने का आदेश दे सकता है। एक वैध किराएदार का दिए संरक्षण पर कानून के तहत दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुए ही काबू पाया जा सकता है या ओवरकम किया जा सकता है।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि किरायेदारी सोनी के पक्ष में बनायीं गयी थी इसलिए किरायेदार को निकालने के लिए उसी प्रोसीजर को पूरा करना होगा जो किरायेदारी कानून में बताई गयी है | धारा 13 के तहत वह प्रक्रिया बताई गई है,जिसका पालन करते हुए किराएदार को बाहर निकाला जा सकता है। इसलिए नियंत्रक मामले में पेश तथ्यों के आधार पर संतुष्ट हाने के बाद ही किराएदार को संपत्ति छोड़ने का आदेश दे सकता है। एक वैध किराएदार का दिए संरक्षण पर कानून के तहत दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुए ही काबू पाया जा सकता है या ओवरकम किया जा सकता है।
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