जजमेंट की परिभाषा क्या है - Definition of Judgement in Hindi

जजमेंट की परिभाषा क्या है


जजमेंट की परिभाषा क्या है


 

निर्णय (Judgement)दीवानी प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 2 ( 9) के अनुसार, ‘निर्णय’ (जजमेंट की परिभाषा) से न्यायाधीश द्वारा डिक्री या आदेश के आधारों का कथन अभिप्रेत है। दूसरे शब्दों में, निर्णय का तात्पर्य उन आधारों से है, जो न्यायाधीश द्वारा डिक्री या आदेश पारित करते समय विहित किए जाते हैं। न्यायाधीश जब भी कोई आदेश या डिक्री पारित करता है, ऐसे डिक्री या आदेश पारित करने के कारणों का विवरण देता है, ऐसे विवरण को ही निर्णय कहा जाता है।

 

यहां न्यायाधीश से सिविल न्यायालय का पीठासीन अधिकारी अभिप्रेत है। [धारा 2 (৪)] प्रशासी अधिकरणों के सदस्य न्यायाधीश नहीं है,
अत: उनके कथन डिक्री नहीं माने जा सकते, उन्हें आदेश ही माना जाएगा। रूपचन्द बनाम स्टेट ऑफ जे. एण्ड के., ए. आई. आर. 2000 जे. एण्ड के. 431 गुरमंज सरन बनाम ज्वायस सी. सलील, AIR 1990 देहली 13 के वाद में कहा गया कि संहिता के आदेश 1, नियम 10 के अधीन एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश वादी के महत्वपूर्ण अधिकार को प्रमाणित करता है। दिल्ली उच्च न्यायालय के अनुसार ऐसा आदेश निर्णय है और ऐसे आदेश के विरुद्ध अपील अनुज्ञात है।

 

मेसर्स श्रीराम इण्डस्ट्रियल इन्टरप्राइजेज बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया, AIR 1996 इला 135 के वाद में जहां एक खण्डपीठ के न्यायाधीश किसी बिन्दु पर भिन्न मत रखते हैं, उनके अलग-अलग विचार न्यायालय में पढ़े जाते हैं, और वे हस्ताक्षर करते हैं, साथ-साथ अन्तर के बिन्दु को सूचित करते हुए मुख्य न्यायाधीश से यह निवेदन करते हैं कि मामला निर्णय के लिए तीसरे न्यायाधीश को सौंप दिया जाय, वहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने यह अभिनिर्धारित किया कि खण्डपीठ के न्यायाधीशों के विनिश्चय को उनका अन्तिम निर्णय नहीं माना जाएगा, यह तो मात्र उनके अपने विचार हैं। न्यायालयों के निर्णयों का निर्वचन संविधियों का भांति नहीं किया जा सकता। (अश्वनी बनाम उ. प्र. एस. सी. A.I.R. 2002 S.C. 266)

 

निर्णय की विषय-वस्तु (Contents of Judgement)

 

सेलुलर आपरैटर्स एसोसिएशन कुमार ऑफ इण्डिया बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया, ALR. 2003 S.C. 899 के वाद में उच्चतम न्यायालय ने प्रत्येक निर्णय में निम्नलिखित तथ्यों की समाविष्टि को आवश्यक माना है-

 

(1) तथ्यों का संक्षिप्त विवरण,
(2) विवाद विषय,
( 3) विवाद विषयों पर विनिश्चय,
(4) विवाद विषयों पर विनिश्चय के कारण।

 

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