शादी में महिला को मिले गहनों और उपहारों पर किसका हक सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला:
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शादी में महिला को मिलने वाले गहने, उपहार, और अन्य सामान (Streedhan) पर महिला का ही पूर्ण अधिकार होता है। यह कानून भारतीय दंड संहिता (IPC) और हिंदू विवाह अधिनियम के तहत महिला के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
मामले का विवरण:
सुप्रीम कोर्ट का अवलोकन:
- शादी के दौरान महिला को दिए गए गहने, आभूषण, नकदी, और अन्य उपहार Streedhan की श्रेणी में आते हैं।
- Streedhan पर महिला का व्यक्तिगत और पूर्ण अधिकार होता है, और इसे पति या ससुराल पक्ष द्वारा जबरदस्ती रखने या हड़पने का अधिकार नहीं है।
Streedhan का कानूनी महत्व:
- Streedhan का तात्पर्य है वह संपत्ति जो महिला को शादी के दौरान या उससे पहले उपहार के रूप में दी जाती है।
- यह संपत्ति महिला की व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाती है और इसे वापस मांगने का पूर्ण अधिकार महिला को है।
कोर्ट का निर्णय:
- यदि पति या ससुराल पक्ष महिला के Streedhan को लौटाने में असफल रहते हैं, तो उन्हें इसके लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
- महिला भरण-पोषण (Maintenance) के अलावा Streedhan की वापसी के लिए भी अदालत में दावा कर सकती है।
कानूनी दृष्टिकोण:
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406:
- यदि पति या ससुराल पक्ष महिला के Streedhan को हड़पते हैं, तो यह आपराधिक विश्वासघात (Criminal Breach of Trust) के अंतर्गत आता है।
- इसके लिए 3 साल तक की सज़ा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
हिंदू विवाह अधिनियम:
- हिंदू विवाह अधिनियम के तहत, महिला के व्यक्तिगत संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा की गई है।
गुजारा भत्ता और Streedhan:
- महिला अलग रहने या तलाक के मामलों में भी Streedhan की मांग कर सकती है, भले ही वह Maintenance (गुजारा भत्ता) के लिए दावा कर रही हो।
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