Section 13B Hindu Marriage Act पर उड़ीसा हाईकोर्ट का फैसला
उड़ीसा हाईकोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13B (आपसी सहमति से तलाक) पर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया। अदालत ने कहा कि यदि एक पक्ष ने आपसी सहमति से तलाक के लिए अपनी सहमति दी है, तो वह बहस पूरी होने के बाद भी एकतरफा तरीके से अपनी सहमति वापस ले सकता है।
मामले का विवरण:
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मामला:
- यह मामला एक दंपत्ति से संबंधित था, जिन्होंने आपसी सहमति से तलाक (Mutual Consent Divorce) के लिए आवेदन किया था।
- दोनों पक्षों ने अदालत में अपनी सहमति दर्ज कराई थी।
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सहमति वापसी:
- अंतिम सुनवाई के बाद, पति ने अदालत को सूचित किया कि वह तलाक के लिए दी गई सहमति वापस लेना चाहता है।
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न्यायालय का निर्णय:
- उड़ीसा हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13B के तहत, आपसी सहमति से तलाक तब तक नहीं हो सकता, जब तक दोनों पक्ष अंतिम आदेश तक अपनी सहमति बरकरार न रखें।
- यदि एक पक्ष अपनी सहमति वापस ले लेता है, तो अदालत तलाक का आदेश नहीं दे सकती।
उड़ीसा हाईकोर्ट का दृष्टिकोण:
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धारा 13B(1):
- यह प्रावधान कहता है कि दोनों पक्षों को आपसी सहमति से तलाक की मांग करनी होगी।
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धारा 13B(2):
- छह महीने की कूलिंग ऑफ पीरियड के बाद, यदि दोनों पक्ष सहमति बनाए रखते हैं, तभी तलाक दिया जा सकता है।
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सहमति का महत्व:
- सहमति आपसी होनी चाहिए और अंतिम आदेश तक जारी रहनी चाहिए।
इस फैसले का महत्व:
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आपसी सहमति का अधिकार:
- यह फैसला बताता है कि तलाक के मामलों में सहमति महत्वपूर्ण है और इसे जबरदस्ती लागू नहीं किया जा सकता।
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व्यक्तिगत अधिकार की सुरक्षा:
- अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी पक्ष को मजबूर नहीं किया जा सकता।
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तलाक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना:
- इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि तलाक के मामलों में दोनों पक्षों की स्वतंत्र इच्छा महत्वपूर्ण है।
यूट्यूब वीडियो इंट्रोडक्शन:
"नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे उड़ीसा हाईकोर्ट के उस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में, जिसमें यह तय किया गया है कि आपसी सहमति से तलाक के लिए सहमति बहस पूरी होने के बाद भी वापस ली जा सकती है। जानिए यह फैसला हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13B पर कैसे लागू होता है और इसका महत्व क्या है।"
यूट्यूब वीडियो एंड:
"तो दोस्तों, यह था उड़ीसा हाईकोर्ट का Section 13B पर महत्वपूर्ण फैसला। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे लाइक और शेयर करें। हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें ताकि आप ऐसी ही कानूनी खबरें सबसे पहले जान सकें। धन्यवाद!"
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