High Court Judgement on Objectionable Content Posted on Social Media Group

सोशल मीडिया के किसी ग्रुप में आपत्तिजनक वीडियो शेयर किया जाता है तो उस ग्रुप का हर सदस्य अपराधी माना जाएगा ।

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही मे एक फैसला सुनाया कि अगर सोशल मीडिया के किसी ग्रुप में आपत्तिजनक वीडियो शेयर किया जाता है तो उस ग्रुप का हर सदस्य अपराधी माना जाएगा ।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने यह कहा कि अगर सोशल मीडिया के किसी भी ग्रुप में आपत्तिजनक वीडियो शेयर किया जाता है तो उस ग्रुप का हर सदस्य सह अपराधी होगा ।

 न्यायमूर्ति सुधीर सहगल भारतीय दंड संहिता की धाराएं – High Court Judgement




आईपीसी 354 – शील भंग करने के इरादे से महिला के खिलाफ जोर जबरदस्ती करना या बल का प्रयोग
करना।
आईपीसी 354 ए – यौन उत्पीड़न के लिए ।
आईपीसी 384 – जबरन वसूली वसूली करने के लिए ।
आईपीसी 120b – अपराधिक साजिश रचने के लिए
और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून 2012 की धारा 82 यौन हमला करने के लिए लगाई जाती है पर सुनवाई कर रहे थे ।
इस मामले में याचिकाकर्ता परमजीत कौर नाम की एक 26 साल की आग विवाहिता महिला है जो इस सोशल जो जो उस सोशल मीडिया ग्रुप की सदस्य थी जहां पर एक अश्लील वीडियो पोस्ट किया गया था

मामला यह था कि




एक 16 साल की लड़की ने एक लिखित शिकायत की थी कि वह मैडम सुप्रिया नाम की एक महिला के घर ट्यूशन के लिए जाया करते थे । जहां उसे शराब स्मोकिंग और नशे के इंजेक्शन लगाए जाते थे । और इसी दौरान उस नाबालिक बच्ची का अश्लील वीडियो भी उस महिला ट्विटर द्वारा बनाया गया और बच्ची को ब्लैकमेल किया गया । ट्यूटर ने वह वीडियो एक सोशल मीडिया ग्रुप में शेयर किया जहां पर चार पुरुष के अलावा याचिकाकर्ता परमजीत कौर नाम की यह महिला भी थी ।

कोर्ट ने कहा

16 साल की लड़की के द्वारा ये एफ आई आर दर्ज की गई है । जिसमें याचिकाकर्ता परमजीत कौर को सह अपराधी बनाया गया है क्योंकि उस ग्रुप के सभी सदस्य लड़की को डराते धमकाते थे जिसकी वजह से वह इतनी डर गई कि 3 साल तक उसने अपने माता-पिता को यह बात छुपाई रखें।
कोट ने कहा कि याचिकाकर्ता परमजीत कौर उस ग्रुप के सदस्य थी जहां पर आपत्तिजनक वीडियो डाले जाते थे इसलिए वह भी अपराध की साझेदार होगी ।






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