Definition of Court | न्यायालय की परिभाषा बताइये
न्यायालय (Court) :- धारा 2 (1) (e) के अनुसार–“न्यायालय'” एक जिले में प्रारम्भिक अधिकारिता से अभिप्रेत वह प्रधान न्यायालय है और इसमें समविष्ट है उच्च न्यायालय जिसे अपने सामान्य आरम्भिक सिविल अधिकारिता के प्रयोग में माध्यस्थम् की विषय वस्तु सम्बन्धी प्रश्नों को विनिश्चित करने की अधिकारिता है, यदि वह किसी वाद की विषयवस्तु होती, न्यायालय के परिप्रेक्ष्य में प्रधान न्यायालय से निम्न श्रेणी के न्यायालय या लघुवाद न्यायालय सम्मिलित नहीं है।
“Court” means the principal civil court of original jurisdiction in a destrict, and includes the High court in the exercise of its ordinary original civil jurisdiction, having jurisdiction to decide, the question forming the subject-matter of the arbitration of the same had been the subject matter of a suit, but does not include nay civil court of a grade inferior to such principal civil court, or any court of small causes.
परिभाषा के अनुसार न्यायालय के निम्नलिखित गुण होने चाहिये- Definition of Court
1. न्यायालय एक दीवानी (Civil) न्यायालय होना चाहिये।
2. माध्यस्थ के लिये निर्देशित की गई विषयवस्तु के सम्बन्ध में वाद को सुलझाने का क्षेत्राधिकार होना चाहिये।
न्यायालय के क्षेत्राधिकार के लिए यह आवश्यक नहीं है कि सम्पूर्ण विषयवस्तु उसी के क्षेत्राधिकार में उत्पन्न हुई हो। यदि पक्षकार उसकी सीमा में रहते हैं या विवादग्रस्त सम्पत्ति उसके स्थानीय क्षेत्राधिकार में है तो उसी न्यायालय का क्षेत्राधिकार माना जायेगा।
परिभाषा के अनुसार मुख्य दीवानी स्तर के न्यायालय से निम्न न्यायालय तथा लघुवाद न्यायालय नहीं माना जायेगा। जिला न्यायालय प्रमुख दीवानी न्यायालय होता है। इस प्रकार जिला न्यायालय तथा उसके ऊपर के न्यायालय इस धारा में न्यायालय माने जाते हैं।
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