प्रत्यासन क्या हैं | What is Subrogation and Who is Entitle to Avail this Right

प्रत्यासन क्या हैं व इस अधिकार का प्रयोग कौन कर सकता हैं | What is Subrogation and who is entitle to avail this right

 

प्रत्यासन का अर्थ (Meaning of Subrogation)- प्रत्यासन (Subrogation) का अर्थ हैं किसी व्यक्ति या वस्तु के स्थान पर दूसरे की प्रतिस्थापना (Substitution) इस प्रकार किया जाना कि प्रतिस्थापित व्यक्ति व वस्तु से वे ही अधिकार तथा कर्तव्य सम्बद्ध हो जायें जो मूल व्यक्ति या वस्तु से सम्बद्ध थे। भारतीय सम्पत्ति अधिनियम 1882 की धारा 92 यह निर्धारित करती हैं कि जब बन्धककर्ता के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति बन्धक के ऋण को चुकता कर देता हैं तो वह जिस बन्धकी के लिए देता हैं, उसके स्थान पर प्रतिस्थापित हो जाता हैं।

 

प्रत्यासन सिद्धान्त के आधार (Grounds of Doctrine of Subrogation)

 

1, संविदा (Contract)- प्रत्यासन (Subrogation) का आधार हैं संबिदा। संविदा अधिनियम की धारा में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया हैं।

2. साम्य (Equity)- सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 92 के सिद्धान्त का द्वितीय आधार साम्य विधिशास्त्र का सिद्धान्त हैं। इनकी स्थिति किसी स्पष्ट या विवक्षित संविदा पर निर्भर नहीं होती हैं। प्रत्यासन का साम्या द्वारा मान्य आधार मामले के तथ्य एंव परिस्थिति पर आधारित होता हैं।

 

प्रत्यासन के अधिकार का कौन प्रयोग कर सकता हैं? (Who are entitled to avail the doctrine of Subrogation)

 

निम्नलिखित व्यक्ति प्रत्यासन (Subrogation) के अधिकारी होते हैं-

 

1. ऐसा व्यक्ति जिन्हें बन्धक की गयी सम्पत्ति या उसके मोचनाधिकार में कोई हित होता हैं, अर्थात् पूर्ववर्ती बन्धकी को छुड़ाने वाला उत्तरवर्ती बन्धकी तथा बन्धक को छुड़ाने के मोचनाधिकार का क्रय करने वाला क्रेता।

2. बन्धक का मोचन कराने वाला सहबन्धककर्ता। 

3. बन्धक का मोचन कराने वाला बन्धककर्ता का प्रतिभू (Surety) .

4. बन्धककर्त्ता का कोई ऋणदाता जिसने बन्धक की सम्पत्ति की बिक्री के लिए आज्ञप्ति प्राप्त कर ली हैं।

 

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 69 में भी प्रत्यासन (Subrogation) का सिद्धान्त सगाविष्ट हैं। यह धारा निर्धारित करती हैं कि जो व्यक्ति उस धन की देनगी में हितबद्ध हैं, जिसको देने के लिये दूसरा व्यक्ति विधि द्वारा बाध्य हैं और जो इसलिए उनकी देनगी करता हैं उस अन्य द्वारा भरपाई पाने के लिये हकदार हैं।

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