Who is competent to transfer property - सम्पत्ति अन्तरण के लिए कौन सक्षम है।

सम्पत्ति अन्तरण के लिए कौन सक्षम है | Who is competent to transfer property




सम्पत्ति अन्तरण के लिए सक्षम व्यक्ति – संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 7 उन व्यक्तियों को निर्दिष्ट करती है जो संपत्ति को स्थानांतरित कर सकते हैं। अनुबंध के लिए सक्षम और हस्तांतरणीय संपत्ति का हकदार या हस्तांतरणीय संपत्ति के निपटान के लिए अधिकृत प्रत्येक व्यक्ति जो इस धारा के अनुसार उसका अपना नहीं है; ऐसी संपत्ति को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से और पूर्ण या सशर्त रूप से, ऐसी परिस्थितियों में, उस हद तक और ऐसे तरीके से स्थानांतरित करने के लिए सक्षम है, जिसे किसी भी कानून द्वारा अनुमति दी जा सकती है और निर्धारित किया जा सकता है।

Every thing which has interest and some monetary value is called as property.

 

संपत्ति क्या है?


‘संपत्ति’ शब्द का व्यापक अर्थ में प्रयोग किया गया है। इसे दो भागों में वर्गीकृत किया गया है – चल और अचल संपत्ति। प्रत्येक वस्तु जिसका कुछ न कुछ मौद्रिक मूल्य होता है, संपत्ति कहलाती है।

• संपत्ति मूर्त या अमूर्त हो सकती है।

 

इतिहास


 जब संपत्ति का हस्तांतरण अधिनियम लागू नहीं हुआ था तब भारत में अचल संपत्तियों का हस्तांतरण अंग्रेजी कानून और इक्विटी के सिद्धांतों द्वारा शासित था। इन नियमों और कानूनों को परिषद के गवर्नर जनरल के द्वारा पारित किए जाते थे।

• उस समय, कानून जटिलताओं से भरा था।
• यह अधिनियम 1 जुलाई, 1882 को लागू हुआ और इसे संपत्ति अंतरण अधिनियम के रूप में जाना जाता है।

इस प्रकार यह धारा निम्नलिखित व्यक्तियों को अन्तरण के योग्य सक्षम बताती है।


(क) अन्तरणकर्ता, अन्तरणीय (transferor, transferable) सम्पत्ति का हकदार हो।

(ख) हस्तांतरणीय संपत्ति उसकी अपनी नहीं है, लेकिन वह उस संपत्ति के निपटान के लिए अधिकृत है।

(ग) हस्तांतरणकर्ता ऐसी संपत्ति को पूरी तरह से या आंशिक रूप से और या ऐसी परिस्थितियों में इस हद तक और ऐसे तरीके से स्थानांतरित कर सकता है, जिसे किसी भी कानून द्वारा अनुमति दी जा सकती है और निर्धारित किया जा सकता है।

(घ) संविदा के योग्य हो- अन्तरणकर्ता इस योग्य हो कि वह विधि की दृष्टि से संविदा कर सके।

 

इसके लिए भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 11 में निम्न शर्ते दी गयी हैं


1) वयस्कता (Maturity)- संविदा करने वाले पक्षकार बालिग होने चाहिए जिसके लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। कोर्ट ऑफ वार्ड्स के मामले में यह आयु धारा 3, इण्डियन मैच्योरिटी एक्ट, 1890 के अन्तर्गत संरक्षक नियुक्त किया गया हो तो 21 वर्ष होगी। नाबालिग द्वारा किया गया अन्तरण शून्यकरणीय (Voidable) न होकर प्रारम्भतः शून्य होगा।

(2) स्वस्थ मस्तिष्क (Sound mind) – स्वस्थ मस्तिष्क से संविदा होना ही वैध माना जाता है। उन्मत्त, पागल या विकृत मस्तिष्क वाले लोगों के साथ किया गया करार अवैध होता है। क्षणिक या अस्थायी मानसिक असन्तुलन के बीच वह संविदा नहीं कर सकता, लेकिन संतुलन की सामान्य अवस्था में वह संविदा कर सकेगा और ऐसा किया गया करार वैध या मान्य होगा।

(3) विधिक दृष्टि से अयोग्यता (Incapability in the eye of law) – यदि विधि द्वारा किसी व्यक्ति पर अन्तरण करने की  अयोग्यता अभ्यारोपित कर दी जाये तो उसे अन्तरण का अधिकार नहीं होगा। जैसे- कोर्ट आफ स वार्ड्स के प्रबन्ध में किसी नाबालिग की सम्पत्ति अन्तरण न करने का अधिकार।

 

वैध स्थानांतरण की शर्तें – Conditions Of a Valid Transfer


• हस्तांतरणकर्ता (Transferor) – प्रत्येक व्यक्ति जो अपने विवेक से अनुबंध करने में सक्षम है और संपत्ति को हस्तांतरित करने का हकदार है या संपत्ति के निपटान के लिए अधिकृत है, वह ऐसी संपत्ति को स्थानांतरित करने के लिए सक्षम है।
• ट्रांसफरी (Transferee)- प्रत्येक व्यक्ति जो अनुबंध के लिए सक्षम है और कानून द्वारा अयोग्य नहीं है, को स्थानांतरित किया जा सकता है।
• संपत्ति को हस्तांतरित किया जाना चाहिए (Property must be transferred)- प्रत्येक संपत्ति हस्तांतरणीय है। हालांकि भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 6 के तहत कुछ अपवाद हैं।

यह भी पढ़े 

 

Post a Comment

0 Comments