सरकारी नौकरी पर क्रिमिनल केस का असर हाई कोर्ट का अहम फ़ैसला
याचिकाकर्ता बाबा सिंह का सहायक बोरिंग तकनीशियन के पद के लिए चयन 16 फरवरी, 2024 के आदेश द्वारा रद्द कर दिया गया था। इस आधार पर रद्दीकरण को उचित ठहराया गया था कि बाबा सिंह के बड़े भाई और उनकी पत्नी के बीच वैवाहिक कलह थी, जिसके कारण पत्नी के पिता ने बड़े भाई और याचिकाकर्ता सहित उसके सभी परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।
न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट, मिर्जापुर और मुख्य अभियंता, लघु सिंचाई, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को 22 अगस्त, 2024 तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि विवादित आदेश को क्यों न रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता की नियुक्ति के लिए निर्देश क्यों न जारी किए अगली सुनवाई 22 अगस्त, 2024 को निर्धारित की गई है, जिसमें रजिस्ट्रार (अनुपालन) द्वारा 24 घंटे के भीतर संबंधित अधिकारियों को आदेश की जानकारी दी जाएगी।
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