यदि अपीलकर्ता सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होता है, तो अपील को केवल गैर-अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन न चलाने) के आधार पर खारिज किया जा सकता है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि यदि अपीलकर्ता सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होता है, तो अपील को केवल गैर-अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन न चलाने) के आधार पर खारिज किया जा सकता है, न कि उसके गुण-दोष (मेरिट) के आधार पर।
यह निर्णय सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC) के आदेश 41 नियम 17 के स्पष्टीकरण के संदर्भ में दिया गया है।
आदेश 41 नियम 17 CPC:
- यह प्रावधान निर्दिष्ट करता है कि यदि अपीलकर्ता सुनवाई के लिए निर्धारित दिन पर उपस्थित नहीं होता है, तो न्यायालय अपील को खारिज कर सकता है।
- स्पष्टीकरण में यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसी स्थिति में न्यायालय के पास अपील को गुण-दोष के आधार पर खारिज करने का अधिकार नहीं है।
मामले का विवरण:
- मामला संपत्ति विवाद से संबंधित था, जिसमें अपीलकर्ताओं ने प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की थी।
- ट्रायल कोर्ट द्वारा मुकदमा खारिज किए जाने के बाद, अपीलकर्ताओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में दूसरी अपील दायर की।
- सुनवाई के दिन, अपीलकर्ताओं के वकील की अनुपस्थिति के कारण, उच्च न्यायालय ने अपील को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया।
- इस निर्णय के खिलाफ अपीलकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के निर्णय को रद्द करते हुए कहा कि अपीलकर्ता की अनुपस्थिति में अपील को केवल गैर-अभियोजन के आधार पर खारिज किया जा सकता है, न कि गुण-दोष के आधार पर।
न्यायालय ने मामले को पुनर्विचार के लिए उच्च न्यायालय को भेज दिया।
यह निर्णय न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की खंडपीठ द्वारा दिया गया।
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