Order 41 Rule 17 CPC 1908, सिविल प्रक्रिया संहिता

 आदेश 41 नियम 17 - सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC)

आदेश 41 सिविल मामलों में अपील से संबंधित प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है। नियम 17 विशेष रूप से तब लागू होता है जब अपीलकर्ता (अपील दायर करने वाला व्यक्ति) अपील की सुनवाई के समय न्यायालय में उपस्थित नहीं होता है।


आदेश 41, नियम 17 का पाठ:

  1. अपीलकर्ता की अनुपस्थिति में अपील की खारिजी

    • यदि अपील की सुनवाई के लिए निर्धारित दिन पर अपीलकर्ता अनुपस्थित रहता है, तो न्यायालय अपील को गैर-अभियोजन (non-prosecution) के आधार पर खारिज कर सकता है।
    • यानी, न्यायालय अपील को सुनवाई किए बिना खारिज कर सकता है।
  2. उत्तरदाता (प्रतिवादी) की अनुपस्थिति का प्रभाव

    • यदि अपीलकर्ता उपस्थित रहता है लेकिन प्रतिवादी अनुपस्थित होता है, तो न्यायालय अपील का निर्णय मेरिट (गुण-दोष) के आधार पर कर सकता है।
    • इसका अर्थ है कि न्यायालय अपील पर सुनवाई कर सकता है और तथ्यों के आधार पर निर्णय दे सकता है।
  3. अपील की बहाली (पुनर्स्थापन) का प्रावधान

    • यदि अपील गैर-अभियोजन के आधार पर खारिज कर दी जाती है, तो अपीलकर्ता न्यायालय में आवेदन देकर इसे पुनः बहाल (restore) करने की मांग कर सकता है।
    • अपीलकर्ता को यह साबित करना होगा कि उसकी अनुपस्थिति उचित कारणों के कारण थी।

आदेश 41, नियम 17 का उदाहरण:

उदाहरण 1: अपीलकर्ता की अनुपस्थिति में अपील की खारिजी

मान लीजिए कि राम ने अदालत में एक दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें फैसला उसके खिलाफ गया। वह इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करता है।

  • अदालत अपील की सुनवाई के लिए एक तारीख तय करती है।
  • निर्धारित तारीख पर राम बिना किसी पूर्व सूचना के उपस्थित नहीं होता।
  • न्यायालय आदेश 41 नियम 17 के तहत अपील को गैर-अभियोजन के आधार पर खारिज कर सकता है

हालांकि, न्यायालय इस अपील को मेरिट (गुण-दोष) के आधार पर खारिज नहीं कर सकता क्योंकि अपीलकर्ता उपस्थित ही नहीं था।

उदाहरण 2: अपील की पुनः बहाली (रिस्टोरेशन)

  • राम बाद में एक आवेदन देता है कि वह गंभीर बीमारी के कारण उपस्थित नहीं हो सका।
  • न्यायालय उसकी स्थिति की समीक्षा करता है।
  • यदि उसे उचित कारण लगता है, तो अपील को बहाल किया जा सकता है और सुनवाई आगे बढ़ सकती है।

उदाहरण 3: प्रतिवादी अनुपस्थित होने पर अपील की सुनवाई

  • मान लीजिए कि राम उच्च न्यायालय में उपस्थित हो गया, लेकिन प्रतिवादी श्याम अनुपस्थित था।
  • ऐसे में न्यायालय मेरिट के आधार पर अपील की सुनवाई कर सकता है और आवश्यकतानुसार निर्णय दे सकता है।

महत्वपूर्ण न्यायिक व्याख्याएं

  1. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
    • सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि अपीलकर्ता अनुपस्थित हो तो अपील को मेरिट के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता, केवल गैर-अभियोजन के आधार पर खारिज किया जा सकता है।
    • यदि न्यायालय अपील को मेरिट के आधार पर खारिज करता है, तो यह अवैध होगा।
    • (संदर्भ: Order 41 Rule 17 CPC: Appeal Can’t Be Dismissed On Merits If Appellant Fails To Appear, To Be Dismissed For Non-Prosecution – Supreme Court Judgment 2024)

निष्कर्ष

  • आदेश 41 नियम 17 का मुख्य उद्देश्य अपीलकर्ता की अनुपस्थिति में न्यायिक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाना है।
  • यह अपीलकर्ता को एक मौका देता है कि यदि उसकी अनुपस्थिति किसी वैध कारण से थी, तो वह अपील को बहाल करवा सकता है।
  • लेकिन यदि प्रतिवादी अनुपस्थित हो, तो अपील की सुनवाई मेरिट के आधार पर की जा सकती है।

यह नियम न्यायिक प्रक्रिया को संतुलित और न्यायसंगत बनाए रखने में मदद करता है।

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