पैरोल और प्रोबेशन क्या है ये कैसे एक दूसरे से अलग है जानिए || Difference Between Parole and Probation in Hindi
पैरोल का प्रोबेशन
पैरोल– सजा का कुछ भाग क्षमा कर दिया जाता है अथवा सीमित अवधि के लिए रिहाई प्रदान की जाती है।
जब कोई अपराधी जेल में सजा की लंबी अवधि व्यतीत कर लेता है। और इस अवधि में उसका आचरण अच्छा रहता है। तो अपराधी को कुछ शर्तों के अधीन करते हुए रिहा कर दिया जाता है। लेकिन अपराधी रिहा होने के पश्चात पैरोंल की निर्धारित शर्तों की पालना नहीं करता तो उसे वापस कारावास में भेजा जाता है। वह जहा उसे शेष रह कर आवासीय दंड भोगना पड़ता है। यदि अपराधी पैरोल पर छूटने के बाद अपराध करता है। तो उसे पैरोल के लाभ से वंचित रखा जाता है।
उच्चतम न्यायालय ने अपराधियों के लिए स्थाई पैरोल की सिफारिश की है स्थाई पैरोल में कैदियों को कुछ समय के लिए जेल से छोड़ा जाता है और पैरोल का समय समाप्त होने पर उसे पुनः कारावास में भेज दिया जाता है। अपराधी सुधार योजना के अंतर्गत अस्थाई पैरोल के प्रावधानों से अपराधी को रिहाई का लालच देकर अच्छे आजाद के लिए प्रेरित किया जाता है। स्थाई पैरोल वाला अपराधी भी रिहा होकर आजा रहने के लिए गलत आशीर्वाद जुर्म से बचा रहना चाहता है। ताकि उसे पुनः जेल न जाना पड़े इस प्रकार वह आजादी की कीमत समझ कर पुनः अपराध नहीं करता।
प्रोबेशन– अपराधी सुधार कार्यक्रम के तहत अपराधियों को सजा के पूर्ण माफी प्रदान कर दी जाती है। अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 इसी के उद्देश्य के लिए बनाया गया है। प्रोबेशन को सजा भी नहीं माना जाता |
प्रोबेशन के लिए दो प्रकार से रिहा किया जाता हैः-
(क) अच्छा आचरण की शर्त पर रिहाई
(ख) चेतावनी देकर रिहा किया जाना।
प्रोबेशन काल 21 से कम उम्र के अपराधी को अधिक मिलता है लेकिन ऐसा व्यक्ति आदतन अपराधी नहीं होना चाहिए | इससे अधिक उम्र के अपराधी को भी तो प्रोबेशन का लाभ मिलता है | लेकिन वह तब तक जबकि उसने 2 वर्ष से कम कारावास वाला कोई अपराध किया है | आजीवन कारावास अथवा देश छोड़ने की सजा वाले अपराधी को प्रोबेशन का लाभ नहीं दिया जाता।
पैरोल पर छोड़ते समय निम्न शर्तों के अधीन पाबंद किया जा सकता है।
* वह हथियार नहीं रखेगा।
* वह कानून का पालन करेगा।
* अपराधियों से पत्र व्यवहार नहीं।
* निरुद्देश्य रात्रि भ्रमण नहीं करेगा।
* निर्धारित किए गए देश में रहना रहेगा।
* वेश्याओं के पास नहीं जाएगा ना वैश्या गमन करेगा।
* नाचना गाना वह महफिल नहीं कर सकेगा।
* पूर्व नौकरी में परिवर्तन नहीं करेगा।
* इजाजत लेकर ही शादी करेगा अन्यथा नहीं।
* शराब के विक्रय स्थलों पर नहीं जाएगा।
* पशु अतिचार नहीं करेगा।
* अपराधियों के साथ कोई गेंदबाजी नहीं करेगा।
* शिकार वा जुवा नहीं खेलेगा।
प्रोबेशन का लाभ अपराधी निम्न शर्तों के अधीन रहते हुए प्राप्त कर सकता हैः-
* कोर्ट द्वारा तयशुदा शर्तों की पालना प्रोबेशन द्वारा की जाएगी।
* प्रोबेशनर को तय किया गया शुल्क अदा करना होगा जो सुरक्षा धन के रूप में जमा होगा।
* प्रोफेशनल द्वारा जमानत पत्र बनना होगा।
* बिना अनुमति के ना तो प्रोबेशनर आवास परिवर्तन करेगा और ना ही शहर या राज्य तब्दील करेगा।
* अनुमति लिए बिना विवाह नहीं करे।
* यात्रा के लिए अनुमति प्राप्त करेगा।
* प्रोबेशनर शर्तों का उल्लंघन करेगा तो दोगुना दंड का प्राप्त होगा।
* प्रोबेशन अधिकारी की अनुमति के बिना प्रोबेशनर के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है। जमानत लेने वाले को भी समन जारी किया जा सकता है। न्यायालय द्वारा प्रोबेशनर को शर्तों का उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर मूल अपराध के कारण आवासीय दंड को भोगना पड़ता है और उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है।
भारतीय दंड संहिता
भारतीय दंड संहिता के मुख्य धाराओं को उपयोगी जानकारी के आधार पर निम्नलिखित भागों में बांटा गया है इससे साधारण पाठक भी अपराध की मुख्यधारा ओं को आसानी से समझ सकेंगे।
1- दुष्प्रेरक।
2- आपराधिक षड्यंत्र काल।
3- राज्य के विरुद्ध अपराध।
4- सेना नौसेना और वायुसेना से संबंधित अपराध।
5- लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध।
6- लोक सेवकों द्वारा या उससे संबंधित अपराध।
7- निर्वाचन संबंधी अपराध।
8- लोक सेवकों के बिजली बोर्ड प्राधिकार का आवमान।
9- मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध।
10- सिक्के और सरकारी स्टाम्प से संबंधित अपराध।
11- लोग स्वास्थ्य सुविधा शिष्टाचार और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराध।
12- धर्म से संबंधित अपराध।
13- मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध।
14- संपत्ति के विरुद्ध अपराध।
15- दस्तावेज और संपत्ति चिन्नू संबंधित अपराध।
16- संविदा ओं का भारतीय दंड संहिता
भारतीय दंड संहिता के मुख्य धाराओं को उपयोगी जानकारी के आधार पर निम्नलिखित भागों में बांटा गया है इससे साधारण पाठक भी अपराध की मुख्यधारा ओं को आसानी से समझ सकेंगे।
1- दुश प्रेरक
2- आपराधिक षड्यंत्र काल।
3- राज्य के विरुद्ध अपराध।
4- सेना नौसेना और वायुसेना से संबंधित अपराध।
5- लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध।
6- लोक सेवकों द्वारा या उससे संबंधित अपराध।
7- निर्वाचन संबंधी अपराध।
8- लोक सेवकों के बिजली बोर्ड प्राधिकार का आव अब मान।
9- मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराध।
10- सिक्के और सरकारी स्टाम्प से संबंधित अपराध।
11- लोग स्वास्थ्य सुविधा शिष्टाचार और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराध।
12- धर्म से संबंधित अपराध।
13- मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध।
14- संपत्ति के विरुद्ध अपराध।
15- दस्तावेज और संपत्ति चिन्नो संबंधित अपराध।
16- सेव संविदाओं का अपराध।
17- पति या पति के नाते दारू द्वारा क्रूरता के विषय में।
18- मानहानि।
19- आपराधिक अभि त्रास अपमान और क्षोभ।
20- अपराधों को रोकने के प्रयत्न।
पैरोल और प्रोबेशन क्या है ये कैसे एक दूसरे से अलग है जानिए || Difference Between Parole and Probation in Hindi
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